क्या आप जानते हैं, सुबह उठकर आप जो कॉफी पीते हैं उसमें भी मिटटी मिलाई जाती है? कॉफी पाउडर में मिट्टी मिलाना एक धंधा है जिसमें मिट्टी, ईंट का चूरा या मिट्टी का बारीक पाउडर मिलाकर वजन और मात्रा बढ़ाई जाती है। इससे न केवल कॉफी की गुणवत्ता घटती है, बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए भी नुकसानदायक हो सकती है।कॉफी दुनिया में सबसे ज्यादा पी जाने वाली पेय पदार्थों में से एक है, जिसे इसकी खुशबू और ऊर्जा देने वाले प्रभाव के लिए पसंद किया जाता है। लेकिन बढ़ती मांग और ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में व्यापारी कॉफी पाउडर में जहरीली चीजें मिलाकर आपकी सेहत के साथ खिलवाड़ करते हैं।
कॉफी में मिट्टी क्यों मिलाई जाती है?
मिट्टी कॉफी की तुलना में काफी सस्ती होती है, इसलिए मिलावट करने वाले इसे मिलाकर कॉफी की मात्रा बढ़ाते हैं और अधिक लाभ कमाते हैं। फसल खराब होने या आपूर्ति में बाधा आने पर कुछ व्यापारी इसकी भरपाई के लिए मिट्टी मिला सकते हैं। उपभोक्ताओं द्वारा कॉफी की शुद्धता की सही जांच न करने से मिलावट करने वालों को प्रोत्साहन मिलता है। कम कीमत में कॉफी खरीदने वाले ग्राहक अक्सर बिना जांचे-परखे सस्ते ब्रांड चुनते हैं, जिनमें मिलावट की संभावना अधिक होती है।
कॉफी पाउडर में मिट्टी कैसे मिलाई जाती है?
कॉफी पाउडर में बारीक मिट्टी या धूल मिलाकर उसका वजन बढ़ाया जाता है, जिससे उसकी बनावट में ज्यादा बदलाव नज़र नहीं आता। लाल मिट्टी या ईंट का बारीक चूरा मिलाने से कॉफी का रंग गहरा दिखाई देता है। कुछ मिलावट करने वाले स्टार्च या डेक्सट्रिन का उपयोग करके मिट्टी के कणों को कॉफी पाउडर से जोड़ देते हैं, जिससे मिलावट का पता लगाना कठिन हो जाता है।
मिलावटी कॉफी पीने के नुकसान
मिट्टी के कण पचने में मुश्किल होते हैं, जिससे कब्ज, गैस और अपच हो सकती है। मिट्टी और धूल में मौजूद बैक्टीरिया, फंगस और परजीवी शरीर में जाने से डायरिया और पेट के संक्रमण हो सकते हैं। मिट्टी में सीसा, आर्सेनिक और कैडमियम जैसी जहरीली धातुएं हो सकती हैं, जो शरीर में जमा होकर किडनी और नर्वस सिस्टम को नुकसान पहुंचा सकती हैं।